जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) और उनकी पत्नी अनीता गोयल (Anita Goyal) ने कंपनी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
साथ ही नरेश और उनकी पत्नी जेट एयरवेज के निदेशक भी नहीं रहे हैं। पिछले कई महीनों से नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के संस्थापक को ऋणदाताओं ने बोर्ड से इस्तीफा देने को कहा था।
जानकारी के लिए बता दें कि जेट एयरवेज पर लगभग 26 सरकारी और निजी बैंकों का 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। जिन बैंकों ने जेट एयरवेज को कर्ज दे रखा है उनमें एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहबाद बैंक शामिल हैं। नरेश गोयल के इस्तीफे के साथ ही कर्जदाता जेट एयरवेज में हिस्सेदारी अधिग्रहित और कंपनी का नियंत्रण संभालेंगे।
वहीं जेट एयरवेज की प्रमोटर इतिहाद (Etihad) भी अपनी 24% हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है। इतिहाद की हिस्सेदारी भी बैंक खरीद सकते हैं।
मगर जेट एयरवेज के लिए परेशानियाँ और भी हैं। दरअसल कंपनी को पहले ही अपने कई विमान पट्टेदारों को किराया न देने के कारण जमीन पर खड़े करने पड़े हैं। वहीं इसके पायलटों, जिन्हें पिछले 3 महीनों से वेतन नहीं मिला है, ने 31 मार्च तक वेतन न मिलने की स्थिति में किसी फ्लाइट को न उड़ाने का ऐलान कर रखा है।
इस बीच बीएसई में जेट एयरवेज का शेयर 254.50 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में बढ़ोतरी के साथ 265.25 रुपये पर खुल कर 276.90 रुपये तक चढ़ा है।
साढ़े 11 बजे के करीब यह 16.80 रुपये या 6.60% की वृद्धि के साथ 271.30 रुपये के भाव पर चल रहा है। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 3,082.46 करोड़ रुपये है। वहीं इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 650.50 रुपये और निचला स्तर 163.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 26 मार्च 2019)
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