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जेट एयरवेज (Jet Airways) से पहले 12 विमानन कंपनियाँ हुई हैं बंद

कई महीनों तक नकदी संकट से जूझने के बाद विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) ने बुधवार को अपना संचालन अस्थाई तौर पर रोकने की घोषणा कर दी।

जानकार जेट एयरवेज के विमानों के दोबारा उड़ान भरने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। किसी समय देश की सबसे बड़ी निजी विमानन कंपनी रही जेट एयरवेज के बंद होने से 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार संकट से जूझना पड़ेगा।
05 मई 1993 को शुरू हुई जेट एयरवेज अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान भरने वाली पहली निजी कंपनी थी। जेट एयरवेज के बंद होने से यात्रियों और एयरलाइन को कई तरह की सेवाओं की आपूर्ति करने वालों के करोड़ों रुपये फँस गये है।
मगर क्या आप जानते हैं कि इस तरह बंद होने वाली जेट एयरवेज पहली विमानन कंपनी नहीं हैं। बल्कि हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बावजूद पिछले करीब 22 सालों में 12 कंपनियाँ या तो बंद हुईं या उनका अधिग्रहण कर लिया गया। इनमें सबसे अहम नाम है "किंगफिशर एयरलाइन"। किंगशफिशर एयरलाइन के संस्थापक विजय माल्या ने 2011-12 में तत्कालीन यूपीए सरकार से घरेलू विमानन कंपनियों में विदेशी एयरलाइनों को निवेश करने की अनुमति देने की गुजारिश की थी। मगर वे नाकामयाब रहे। हालाँकि सरकार ने अक्टूबर 2012 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइन डूबने के बाद इस नीति को मंजूरी दी।
किंगफिशर के अलावा बंद होने वाली सबसे पहली विमानन कंपनी है वायुदूत। वायुदूत 1981 में शुरू होकर 1987 में बंद हो गयी। 1991 में शुरू हुई सहारा एयरलाइंस को 2007 में जेट एयरवेज ने खरीद लिया, जबकि ईस्ट-वेस्ट एयरलाइंस 1992 से 1996 और एनईपी एयरलाइन तथा एयरवेज दोनों 1993 में शुरू होकर 1997 में बंद हो गयीं।
इस सूची में मोदीलुफ्त (1993-96) और अर्चना एयरवेज (1993-2000) के साथ ही 2003 में शुरू की गयी एयर डेक्कन का नाम भी शामिल है, जिसे 2007 में किंगफिशर ने ही खरीदा था। इसके अलावा एमडीएलआर (2007-09), एयर पेगासस (2015-16) और पैरामाउंट (2005-10) भी लंबे अरसे तक नहीं टिकी रह सकीं।
जानकार इन एयरलाइनों के बंद होने के पीछे कई कारण मानते हैं, जिनमें एयरलाइनों का लागत-प्रतिरोधी माहौल में संचालन, एयरपोर्टों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बाजार हिस्सेदारी की दौड़ में आगे निकलने के कारण लागत से कम किराया वसूलना शामिल है, जिससे लाभहीन वृद्धि की स्थिति बन जाती है।
बहरहाल जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह ने बीते मंगलवार को चार बोली लगाने वालों की पहचान की है। इनके पास अंतिम वित्तीय बोली दाखिल करने के लिए 10 मई तक का समय है। (शेयर मंथन, 18 अप्रैल 2019)

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