साल दर साल आधार पर वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2018-19 की समान अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुनाफे में 9.8% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
रिलायंस के नतीजों को टेलीकॉम और खुदरा कारोबार के शानदार प्रदर्शन से काफी सहारा मिला। प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी या एआरपीयू (ARPU) में मंदी के बावजूद जियो ने बेहतर नतीजे दिये।
पिछले कारोबारी साल की जनवरी-मार्च तिमाही में 9,438 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी ने रिकॉर्ड 10,362 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। इस बीच कंपनी की शुद्ध आमदनी 1,29,120 करोड़ रुपये से 19.40% अधिक 1,54,110 करोड़ रुपये रही। कंपनी की आमदनी को रिफाइनिंग और पेट्रो उत्पादों पर उच्च वसूली से काफी सहारा मिला। इस दौरान रिलायंस का एबिटा 20,672 करोड़ रुपये से 1% की वृद्धि के साथ 24,047 करोड़ रुपये का रहा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अन्य कारोबारों में कंपनी की संगठित खुदरा आमदनी 51.60% की बढ़त के साथ 36,663 करोड़ रुपये रही। जबकि इस क्षेत्र का एबिट 81% की बढ़ोतरी के साथ 1,721 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी की पेट्रोकेमिकल और रिफाइनिंग आमदनी 6.1% की गिरावट के साथ 87,844 करोड़ रुपये रही। पेट्रोकेमिकल कारोबार में इसका जीआरएम (सकल रिफाइनिंग मार्जिन) 8.2 डॉलर प्रति बैरल (बीबीएल) रहा, जो कि बेंचमार्क सिंगापुर जीआरएम 5.0 डॉलर प्रति बीबीएल से बेहतर है।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम इकाई रिलायंस जियो ने भी भारी प्रतिस्पर्धा के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया। जियो का मुनाफा साल दर साल आधार पर 510 करोड़ रुपये से 64.70% बढ़त के साथ 840 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसकी आमदनी 55.42% अधिक 13,062 करोड़ रुपये रही।
हालाँकि जियो की एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी) देखें तो इसके उपभोक्ताओं की संख्या में साल दर साल आधार पर ही 0.4% बढ़ोतरी के बावजूद यह करीब 8.0% घट कर 126.2 रुपये मासिक रह गयी।
बीएसई में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर गुरुवार को 37.60 रुपये या 2.79% की बढ़ोतरी के साथ 1,382.90 रुपये पर बंद हुआ। वहीं इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 1,406.50 रुपये और निचला स्तर 907.10 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 19 अप्रैल 2019)
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