सबसे अधिक विविध इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक ग्रीव्स कॉटन (Greaves Cotton) के शेयर में करीब 2% की मजबूती देखने को मिल रही है।
दरअसल कंपनी की बायबैक समिति ने 12 जुलाई बतौर रिकॉर्ड तिथि तय किया है, जिसमें शेयर बायबैक में हिस्सा लेने योग्य शेयरधारकों के नाम सुनिश्चित किये जायेंगे।
गौरतलब है कि ग्रीव्स कॉटन की शेयर वापस (बायबैक) खरीदने की योजना है, जिसे कंपनी का निदेशक मंडल और शेयरधारक मंजूरी दे चुके हैं। कंपनी बायबैक इश्यू में 1,37,14,286 इक्विटी शेयरों (कुल चुकता शेयर पूँजी के 5.6%) की खरीदारी पर अधितम 240 करोड़ रुपये वापस खरीदेगी।
रिकॉर्ड तिथि की घोषणा से ग्रीव्स कॉटन के शेयर को सहारा मिलता दिख रहा है। बीएसई में कंपनी का शेयर 142.05 रुपये के पिछले बंद भाव की तुलना में बढ़ोतरी के साथ 143.15 रुपये पर खुल कर अभी तक के कारोबार में 145.50 रुपये के ऊपरी स्तर तक चढ़ा है।
करीब सवा 11 बजे कंपनी के शेयरों में 2.75 रुपये या 1.94% की मजबूती के साथ 144.80 रुपये के भाव पर सौदे हो रहे हैं। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 3,536.11 करोड़ रुपये है। वहीं पिछले 52 हफ्तों की अवधि में कंपनी का शेयर 165.00 रुपये तक चढ़ा और 111.10 रुपये के निचले स्तर तक फिसला है।
क्या है बायबैक?
कोई कंपनी जब अपने ही शेयर शेयरधारकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं। इसे आईपीओ का उलट भी माना जाता है, क्योंकि कोई कंपनी आईपीओ में शेयर बेचती है। बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद समाप्त हो जाता है। बायबैक के लिए कंपनियाँ टेंडर ऑफर या ओपन मार्केट का रास्ता चुनती हैं। कोई भी कंपनी कई कारणों से बायबैक करती है। इनमें सबसे अहम कारण कंपनी की बैलेंस शीट में अतिरिक्त नकदी का होना है। किसी कंपनी के पास बहुत ज्यादा नकदी का होना अच्छा नहीं माना जाता। इससे माना जाता है कि कंपनी अपनी नकदी का उपयोग नहीं कर पा रही है। शेयर बायबैक के जरिये कंपनी अपने अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करती है। साथ ही कई बार कंपनी को लगता है कि उसके शेयर की कीमत कम यानी अंडरवैल्यूड है, तो वह बायबैक के जरिये उसे बढ़ाने की कोशिश करती है। (शेयर मंथन, 27 जून 2019)
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