वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के मुकाबले 2019-20 की समान अवधि में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मुनाफे में 6.8% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
रिलायंस के नतीजों को टेलीकॉम और खुदरा कारोबार के शानदार प्रदर्शन से काफी सहारा मिला। हालाँकि पेट्रोकेमिकल कारोबार में गिरावट से मार्जिन घटा। प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी या एआरपीयू (ARPU) में गिरावट के बावजूद जियो ने बेहतर नतीजे दिये।
पिछले कारोबारी साल की अप्रैल-जून तिमाही में 9,459 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी ने 10,104 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। इस बीच कंपनी की शुद्ध आमदनी 1,41,699 करोड़ रुपये से 22.1% अधिक 1,72,956 करोड़ रुपये रही।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अन्य कारोबारों में कंपनी की खुदरा आमदनी 47.5% की बढ़त के साथ 38,196 करोड़ रुपये रही, जो किसी भी तिमाही में सर्वाधिक है। जबकि इस क्षेत्र का एबिट 69.9% की बढ़ोतरी के साथ 2,049 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की पेट्रोकेमिकल आमदनी 6.6% की गिरावट के साथ 37,611 करोड़ रुपये रही। वहीं रिफाइनिंग और मार्केटिंग व्यापार आमदनी 6.4% की बढ़त के साथ 1,01,721 करोड़ रुपये रही, जबकि इसका जीआरएम (सकल रिफाइनिंग मार्जिन) 8.1 डॉलर प्रति बैरल (बीबीएल) रहा, जो कि बेंचमार्क सिंगापुर जीआरएम 5.0 डॉलर प्रति बीबीएल से बेहतर है, मगर पिछले कारोबारी साल की इसी तिमाही में रहे 10.5 डॉलर प्रति बैरल से कम है।
वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम इकाई रिलायंस जियो ने भी भारी प्रतिस्पर्धा के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया। जियो का मुनाफा साल दर साल आधार पर 612 करोड़ रुपये से 45.6% बढ़त के साथ 891 करोड़ रुपये रहा, जबकि इसकी आमदनी 44% अधिक 11,679 करोड़ रुपये रही।
हालाँकि उपभोक्ताओं की संख्या में तिमाही के दौरान 3.39 करोड़ उपभोक्ताओं की बढ़ोतरी के बावजूद जियो की एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी) जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले 3.44% घट कर 122 रुपये मासिक रह गयी।
बीएसई में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर शुक्रवार को 12.80 रुपये या 1.01% की गिरावट के साथ 1,249.00 रुपये पर बंद हुआ। वहीं इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 1,417.50 रुपये और निचला स्तर 1,017.00 रुपये रहा है। (शेयर मंथन, 20 जुलाई 2019)
Add comment