एलेम्बिक फार्मा ने एलियोर डर्मास्यूटिकल्स का पूरी तरह अधिग्रहण कर लिया है।
कंपनी ने यह अधिग्रहण अपने ज्वाइंट वेंचर के साझीदार ऑर्बिक्यूलर फार्मा से किया है। अधिग्रहण के पीछे कंपनी का मकसद त्वचा से जुड़े दवाइयों के उत्पादन और बिक्री के दायरे को बढ़ाना है।
एलियोर डर्मास्यूटिकल्स में कंपनी ने ऑर्बिक्यूलर फार्मा से 40 फीसदी की बची हिस्सेदारी का भी अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण के बाद एलियोर डर्मास्यूटिकल्स में कंपनी की हिस्सेदारी बढ़कर 100 फीसदी हो गई है। एलियोर डर्मास्यूटिकल्स की मौजूदगी क्रीम, जेल, मरहम (ऑइन्ट्मन्ट),शैम्पू, सॉल्यूशंस, स्प्रे, फोम, माइक्रोस्पॉन्ज सेगमेंट में है। कंपनी ने हिस्सेदारी खरीद के लिए निवेश की गई रकम का खुलासा नहीं किया है।
एलेम्बिक फार्मा के प्रबंध निदेशक प्रणव अमीन ने बताया कि कारोबार के लिहाज से त्वचा एक बहुत ही बड़ा और अच्छा सेगमेंट है और हम चाहते थे कि इस कंपनी पर 100 फीसदी मालिकाना हक हमारा हो। इसलिए हमने बाकी बचे 40 फीसदी हिस्से को भी खरीद लिया है। इस हिस्सा खरीद के बाद भविष्य के लिए अवसरों को तलाशने में मदद मिलेगी। एलियोर डर्मास्यूटिकल्स के पास अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर यानी यूएसएफडीए (USFDA) से मंजूरी प्राप्त उत्पादन इकाई है। कंपनी ने 15 दवाओं के लिए अर्जी दे रखी है तो वहीं 30 दवाओं की अर्जी को यूएसएफडीए से मंजूरी मिली हुई है।
इससे कंपनी की वैश्विक स्तर पर पहुंच बढ़ेगी। त्वचा के क्षेत्र में बेहतर रिसर्च एवं विकास के साथ समेकित डर्मैटोलॉजी प्लैटफॉर्म को और व्यापक बनाने में मदद मिलेगी। कंपनी के मुताबिक इस अधिग्रहण से उत्पादों की संख्या बढ़ जाएगी और बाजार का दायरा भी पहले से अधिक होगा। इससे न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार में प्रभावी तरीके से कारोबार करना आसान होगा।
ऑर्बिक्यूल फार्मा के प्रबंध निदेशक एम एस मोहन ने कहा कि अब कंपनी स्वतंत्र रुप से कठिन और दिलचस्प उत्पादों के क्षेत्र में काम करेगी। इस हिस्सा खरीद को एनसीएलटी (NCLT) के अलावा दूसरे रेगुलेटर से मंजूरी मिलना बाकी है। आईक्यूवीआईए प्रोग्नोसिस रिपोर्ट के मुताबिक त्वचा से जुड़ी दवाइयों के बाजार में दहाई अंकों में ग्रोथ का अनुमान है। साथ ही फार्मा का बजार बढ़ने से इसके बाजार हिस्सेदारी में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। (शेयर मंथन, 29 मार्च 2022)
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