सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक इंडियन बैंक ने डिजिटल ब्रोकिंग, सॉल्यूशन से पर्दा उठाया है। इसका नाम 'ई-ब्रोकिंग' रखा गया है। बैंक ने यह सुविधा डिजिटाइजेशन मिशन के तहत शुरू किया है। इस सुविधा के तहत ग्राहकों को ऑनलाइन डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा दी गई है। कंपनी ने 'ई-ब्रोकिंग' की यह सुविधा एक रणनीतिक कदम के तहत उठाया है जिसके तहत ग्राहकों को सभी सुविधाएं डिजिटल तरीके से दी जाएगी।
ई-ब्रोकिंग' सुविधा तुरंत और बिना पेपर के ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा है। यह सुविधा बैंक के मोबाइल एप में इंटीग्रेटेड होगा।
इंडियन बैंक के मोबाइल एप 'IndOASIS' पर ग्राहकों को बिना किसी दिक्कत के डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की सुविधा होगी। यहां पर ग्राहकों को अनुसंधान आधारित निवेश से जुड़ी जानकारियां भी मुहैया कराई जाएंगी। ग्राहकों को इस प्लैटफॉर्म पर इक्विटी, फ्यूचर्स, ऑप्शंस और आईपीओ (IPO) से जुड़ी जानकारियां मुहैया कराई जाएंगी।
इंडियन बैंक के कार्यकारी निदेशक अश्वनी कुमार ने कहा कि यह कदम हमारे डिजिटाइजेशन मिशन के तहत है जिसके तहत सभी वित्तीय उत्पादों को उचित कीमत पर एक छत के नीचे मुहैया कराना है। इससे बैंक के कासा यानी CASA ( करेंट अकाउंट, सेविंग अकाउंट) में भी बढ़ोतरी होगी। इस सुविधा से ग्राहक फिलहाल चल रहे एलआईसी के आईपीओ में भी निवेश कर पाएंगे। इस उत्पाद को बैंक ने अपने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी साझीदार Fisdom की मदद से बाजार में उतारा है।
Fisdom के को-फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुब्रमण्य एस वी ने कहा कि वे इंडियन बैंक के साथ डिजिटल ब्रोकिंग यात्रा का हिस्सा बनकर शुश हैं । यह देश के बेहतर उत्पादों में से एक है और हमें भरोसा है कि यह साझादारी उच्च गुणों वाला सेवाएं देने में सक्षम है। (शेयर मंथन 07 मई 2022)
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