
टाटा मोटर्स ने फोर्ड्स इंडिया के साथ अधिग्रहण के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता पत्र कंपनी की सब्सिडियरी टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड यानी टीपीईएमएल (TPEML) ने की है। यह करार गुजरात सरकार के साथ किया गया है जिसमें फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FIPL) के साणंद मैन्युफैक्चरिंग इकाई का अधिग्रहण किया जाना है।
इस अधिग्रहण के तहत प्लांट, मशीनरी और इक्विपमेंट का भी ट्रांसफर होगा। समझौता पत्र के मुताबिक फोर्ड इंडिया के सभी योग्य कर्मचारी भी टाटा मोटर्स को ट्रांसफर किए जाएंगे। हालाकि इसके लिए जरूरी मंजूरी भी बाकी है। FIPL पावरट्रेन मैन्युफैक्चरिंग इकाई को ऑपरेट करती रहेगी। टाटा मोटर्स का गुजरात के साणंद में एक दशक से ज्यादा
का अनुभव है। इस अधिग्रहण से कंपनी की रोजगार और कारोबार के अवसर बढ़ाने की प्रतिबद्धता झलकती है। ग्राहकों की टाटा मोटर्स के पैसेंजर और बिजली से चलने वाली
गाड़ियों को प्राथमिकता देने से कंपनी की ग्रोथ पिछले साल में कई गुना बढ़ी है। इस अधिग्रहण से क्षमता विस्तार को मदद मिलेगी। साथ ही पैसेंजर और बिजली से चलने वाली गाड़ियों के सेगमेंट में पकड़ और मजबूत होगी। इस अधिग्रहण के अगले कुछ हफ्तों में पूरा होने की उम्मीद है।
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की नई मशीनरी और उपकरणों पर निवेश की योजना है ताकि इकाई से गाड़ियों का उत्पादन संभव हो सके। प्रस्तावित निवेश से उत्पादन क्षमता सालाना 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख इकाई करने की है। टाटा मोटर्स पैसेंजर इलेक्ट्रिक व्हीकल ने बाजार से ज्यादा ग्रोथ दिया है। कंपनी ने पिछले
2 साल में कई नए प्रोडक्ट्स भी बाजार में उतारे हैं। कंपनी की यह ग्रोथ आगे भी जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि कंपनी के पोर्टफोलियो में कई सारे उत्पाद पाइपलाइन
में हैं। इसके अलावा कंपनी तेजी से बिजली से चलने वाली गाड़ियों में निवेश कर रही है। इस ग्रोथ को जारी रखने के लिए पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल के
उत्पादन को बरकरार रखना होगा। साणंद में फोर्ड इंडिया का व्हीकल मन्युफैक्चरिंग प्लांट स्टेट ऑफ द आर्ट इकाई है। यह सौदा संबंधित पक्षों के लिए काफी फायदे वाला सौदा है। इस सौदे से पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल के उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। अधिग्रहण की जाने वाली इकाई टाटा के मौजूदा इकाई के करीब है। इससे ट्रांजिशन काफी आसान होगा। गुजरात सरकार के अतिरिक्त सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि यह अधिग्रहण संबंधित पक्षों के लिए काफी फायदे का सौदा होगा। यह इकाई टाटा मोटर्स के मौजूदा इकाई के करीब है, ऐसे में ट्राजिशन का काम आसानी से होगा। (शेयर मंथन 31 मई 2022)
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