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कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 940 के स्तर पर सहारा मिल सकता है।
कम उत्पादन की खबरों के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। भारतीय कपास संगठन के अनुसार अक्टूबर 2017-सितम्बर 2018 के दौरान भारत में कपास का उत्पादन 362 लाख बेल होने का अनुमान है, जो फरवरी के अनुमान 367 लाख बेल की तुलना में 5% कम है, जबकि घरेलू खपत फरवरी के अनुमान की तुलना में 10 लाख बेल बढ़ कर 330 लाख बेल होने का अनुमान हैं। संगठन के अनुसार इस दौरान कपास का निर्यात भी फरवरी के अनुमान 55 लाख बेल की तुलना में बढ़ कर 60 लाख बेल होने का अनुमान हैं। इसलिए मौजूदा सीजन के अंत 30 सितंबर 2018 तक 22 लाख बेल कपास शेष बचने का अनुमान है, जो फरवरी के अनुमान 42 लाख बेल की तुलना में 20 लाख बेल कम है। ग्वारगम वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 9,300-9,360 के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। यद्यपि जनवरी में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष कम हुआ है, लेकिन अमेरिकी कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी को देखते हुए कारोबारी आगामी दिनों में ग्वारगम के निर्यात में वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं। मौजूदा समय में ग्वारगम की माँग बहुत अधिक नही है। इसलिए कीमतों में तेजी बरकरार रहने को लेकर संदेह बना हुआ है। कम माँग के कारण कॉटन सीड ऑयल केक वायदा (अप्रैल) की कीमतें 1,380 रुपये तक लुढ़क सकती है। कॉटन ऑयल सीड केक की कम कीमतें मिलने के कारण पेराई मार्जिन कम होने से मिलें भी कॉटन सीड की पेराई करना पसंद नही कर रही हैं। पशु आहार निर्माताओं की ओर से मौजूदा कीमतों पर कॉटन ऑयल सीड केक की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 14 मार्च 2018)
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