मासिक चार्ट को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,750 रुपये के स्तर पर सहारा मिल सकता है।
लगातार माँग के कारण हाजिर बाजारों में पिछले हफ्ते से ही हल्दी की कीमतें स्थिर हो रही हैं। घरेलू खरीदारों की ओर से माँग को पूरा करने के लिए स्टॉकिस्ट आवक के लगभग 60-75% हल्दी की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन इसके विपरीत यदि हम आवक की रफ्तार को देखें तो बिकवाली के दबाव से कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। आगामी दिनों में आपूर्ति में तेजी आने की संभावना हैं। इस हफ्ते वारांगल में नयी हल्दी की आवक शुरू होने की संभावना है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। पिछले चार महीने से सूचकांकों के साथ-साथ हाजिर बाजारों में भी जीरे की कीमतों में नरमी का रुझान है। इस हफ्ते भी इसमें नरमी का रुझान जारी रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान और निर्यात माँग में सुस्ती के कारण स्टॉकिस्टों द्वारा बाजार से दूर रहने के कारण अप्रैल वायदा की कीमतें 14,300 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। अधिक कैरीओवर स्टॉक के साथ ही कमजोर माँग के कारण धनिया वायदा की कीमतों में फरवरी महीने से ही गिरावट हो रही है। आगामी दिनों में हल्दी की अप्रैल वायदा की कीमतें 5,200 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। वर्तमान समय में, मसाला निर्माताओं के पास पर्याप्त स्टॉक के कारण उनकी ओर से माँग काफी कम है और वे स्टॉक कम होने के बाद ही खरीदारी करेंगें। इलायची वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 1,040 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है। हाल ही में केरल के इलायची उत्पादन क्षेत्रों में हुई बारिश के अगली फसल के अनुकूल रहने से बाजारों में नरमी का सेंटीमेंट है। (शेयर मंथन, 19 मार्च 2018)
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