सोयाबीन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रह सकता है।
इसकी कीमतें 3,750 रुपये के नजदीक सहारे के साथ 3,850 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। यूएसडीए के अनुसार भारत में बाजार वर्ष 2017-18 में सोयाबीन का उत्पादन अनुमान 9.5 मिलियन टन से कम करके 9 मिलियन टन किये जाने के बाद आपूर्ति में कमी की आशंका के कारण कीमतों को मदद मिलने की उम्मीद है। लेकिन चीन और अमेरिका के बीच गहराते व्यापार युद्ध की आशंका से अमेरिकी सोयाबीन की आपूर्ति के बाधित होने की संभावना को देखते हुए कारोबारियों को भारी खरीदारी करने से बचना चाहिए। नवीनतम खबरों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 100 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त टैरिफ लगाने के लिए पुनर्विचार करने के लिए अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतें 775-785 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। सीबोट में सोया तेल की कीमतों में नरमी के रुझान पर घरेलू सोया तेल की कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। इसके अतिरिक्त गर्मी के मौसम में घरेलू खपत में कमी आने से भी सोया तेल की खरीदारी धीमी हो गयी है।
सीपीओ वायदा (अप्रैल) की कीमतें 650 रुपये के नजदीक सहारे के साथ बढ़त दर्ज कर सकती हैं। रॉयटर पोल के अनुसार मार्च के अंत तक मलेशियन पॉम ऑयल के भंडार के पांच महीने के निचले स्तर पर पहुँचने की रिपोर्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी के रुझान पर पॉम ऑयल की कीमतों को मदद मिल सकती है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड द्वारा 10 अप्रैल को आँकड़ें जारी किये जायेंगे। सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,930-3,980 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में, पेराई मार्जिन 150 रुपये प्रति टन है, इसलिए मिलें सरसों की खरीदारी नही कर रही हैं। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2018)
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