हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें तेज गिरावट के साथ 6,300 रुपये तक फिसल सकती हैं।
इसका कारण हाजिर बाजारों में भारी आपूर्ति के कारण नरमी का नरमी का रुझान है। इस वर्ष निजामाबाद बाजार में लगभग 12 लाख बैग हल्दी की आवक हुई है और अभी 7-8 लाख बैग की आवक होने की संभावना है। कारोबारियों की ओर बेहतर खरीदारी और बेहतर कीमतें मिलने के कारण किसान अपने उत्पादन को बाजार में ला रहें है। इसके अतिरिक्त वारांगला क्षेमसमुद्रम और डुग्गीराला में नयी आवक से भी कीमतों पर दबाव रह सकता है। वर्तमान समय में चीन की ओर से निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण जीरे के कारोबार पर स्टॉकिस्टों की पैनी नजर बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे की आपूर्ति लगभग नगण्य होने के कारण घरेलू और निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। हाजिर बाजारों में नयी फसल की आपूर्ति शुरू हो गयी है। हालाँकि आवक की रफ्तार बाजार के अनुमान से कम है, क्योंकि किसान मौजूदा कम कीमतों पर अपने स्टॉक को बेचना नही चाहते हैं।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,150-5,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में कैरी-ओवर स्टॉक काफी अधिक होने के कारण बाजार में आपूर्ति और माँग की स्थिति लगभग बराबर है, लेकिन मौजूदा सीजन में कम उत्पादन के साथ ही निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने से बाजार वर्ष 2018-19 में अंतिम स्टॉक कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच सकता है। कारोबारियों के अनुसार स्टॉकिस्टों की ओर से माँग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि अब बाजारों में कम नरमी के साथ धनिया की आवक हो रही है। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2018)
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