चना वायदा (जून) कीमतों को 3,550 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
इससे चने की कीमतों में गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। सरकार ने दालों की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए आयात नियमों को सख्त बना दिया है और नये कदम के तहत तूर, मूंग और उड़द के आयात के लिए मिलों के लिए कोटा सिस्टम जारी किया गया है। इन कदमों से चना की कीमतों को मदद मिलने की संभावना है।
कॉटन वायदा (मई) की कीमतों को 21,000 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। इसे गिरावट की स्थिति में 20,725 के नजदीक सहारा रह सकता है। कारोबारी रुपये के कारोबार से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों जैसे कई कारकों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। एक ओर डॉलर के मुकाबले रुपया वर्ष के निचले स्तर पर है, जिससे कपास के अधिक निर्यात की संभावना बढ़ रही है तो दूसरी ओर टेक्सास में फसल के अनुकूल मौसम के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों की तेजी थम गयी है। घरेलू बाजार में वर्तमान समय तक कपास के मुख्य खरीदार छोटी और मध्यम मिलें हैं, जबकि बड़ी मिलें बाजार से दूरी बनाये हुई है, क्योंकि उन्होनें अपनी जरुरतों के लिए पहले ही काफी स्टॉक जमा कर लिया है।
मेंथा ऑयल वायदा (जून) की कीमतों के 1,150-1,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। संभल और बाराबंकी के हाजिर बाजारों में नयी फसल की आपूर्ति में तेजी आने की संभावना से आगामी दिनों में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। इस वर्ष मेंथा ऑयल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 35% की बढ़ोतरी के साथ 40,000-42,000 टन होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 21 मई 2018)
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