सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों के 3,745-3,800 रुपये के दायरे में स्थिर कारोबार करने की संभावना हैं।
कम होते स्टॉक के कारण सोयाबीन की कीमतों में गिरावट सीमित रह सकती है और यदि सोयामील की मौजूदा माँग बरकरार रहती है तो कीमतों में तेजी का रुझान रहने की पूरी संभावना है। सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन के अनुसार 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 96.50 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 95.50 लाख टन खपत 12 लाख टन बुआई के लिए, 1.50 लाख टन सीधे उपयोग के लिए, 2 लाख टन निर्यात के लिए और 80 लाख टन पेराई के लिए होने का अनुमान है। इस प्रकार केवल 1 लाख टन सोयाबीन अगले वर्ष के लिए कैरी फॉरवर्ड स्टॉक के रुप में बच जायेगा।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 756 रुपये से नीचे ही कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जून) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतों को 668 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। साल्वेंट एक्सटैंक्टर एसोसिएशन के अनुसार अप्रैल 2018 में खाद्य तेलों का आयात पिछले वर्ष की समान अवधि के 13.39 लाख टन की तुलना में 3.5% की बढ़ोतरी के साथ 13.86 लाख टन हुआ है जो मौजूदा तेल वर्ष (नवम्बर 2017-अक्टूबर 2018) में अभी तक सबसे अधिक मासिक आयात है। इससे पता चलता है कि आपूर्ति बेहतर है और खाद्य तेल की कीमतों पर नरमी का दबाव रहने की संभावना है।
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