सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों के 3,400-3,465 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है।
कारोबारी व्यापार युद्ध के तनाव से लेकर मरम्मत के लिए मिलों के बंद रहने से माँग कम होने और प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मॉनसून को लेकर देरी जैसे कई कारकों को देखते हुए सावधनी से कारोबार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुआई 12 जून से शुरू हो जानी चाहिए थी। लेकिन मॉनसून में देरी के कारण बुआई कार्य में देरी हो सकती है। राज्य में प्रामाणित बीजों की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। प्रमाणित बीजों के अंकुरण की दर लगभग 90% होती है और उत्पादकता भी बेहतर होती है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों में 743-751 रुपये के दायरे में नरमी का रुझान रहने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों को 634 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के कारण कुल मिला कर खाद्य तेलों में नरमी का रुझान है। बाजारों में सुस्त माँग और अधिक भंडार के कारण भी खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी का रुझान है। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार भारत में खाद्य तेलों की मासिक जरूरत लगभग 19 लाख टन की होती है, जबकि वर्तमान समय में कुल स्टॉक लगभग 26.62 लाख टन है, जो 42 दिनों की जरुरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस कारण खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों पर दबाव रह सकता है।
सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों को 3,990 रुपये के स्तर पर बाधा के कारण बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। सरसों केक और तेल की कम खरीदारी के कारण पेराई मार्जिन काफी कम होने से मिलों की ओर से सरसों की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 25 जून 2018)
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