सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 347 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,550-3,570 रुपये तक तेजी के रुझान की संभावना है।
ऐसी खबर है कि चीन भारत, दक्षिण कोरिया, बांगलादेश, लाओस और श्रीलंका से आयात होने वाले सोयाबीन पर मौजूदा 3% शुल्क को समाप्त कर देगा। इसके साथ ही प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मॉनसून में देरी के कारण सोयाबीन की बुआई कार्य में देरी हो सकती है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों से कहा है कि जब तक 4 मिमी से अधिक बारिश न हो तब तक वे सोयाबीन की बुआई न करें। कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले गुरुवार तक देश भर में सोयाबीन की बुआई 2,12,400 हेक्टेयर में हुई थी, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 59% कम है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 760 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों में 643-645 रुपये तक रिकवरी हो सकती है। कम उत्पादन की आशंका से विदेशी बाजारों में पॉम ऑयल की कीमतों में तेजी का रुझान है। मलेशियाई रिंगिट के कमजोर होने से भी पॉम ऑयल की कीमतों को मदद मिल रही है।
सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों को 4,015 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है और इसमें शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) पर रोक लग सकती है। सरसों केक और तेल की कम खरीदारी के कारण पेराई मार्जिन काफी कम होने से मिलों की ओर से सरसों की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 28 जून 2018)
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