हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,900 रुपये के स्तर तक पहुँचने की संभावना है।
इरोद के हाजिर बाजार में हल्दी की कीमतों में नरमी का रुझान है क्योंकि कारोबारियों को कोई नया ऑर्डर नही मिल रहा है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है जबकि अन्य बाजारों में दोनों वेराइटी की कीमतों में 200 रुपये रुपये क्विंटल की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतों को 19,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। हाजिर बाजारों में कम होती आवक और चीन एवं सिंगापुर से माँग में बढ़ोतरी होने के कारण कारोबारियों को कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। कुल उत्पादन में से केवल 20-25% स्टॉक ही किसानों के पास बचा है और इस कारण आवक कम हो रही है। इसके अलावा तुर्की और सीरिया में भारी बारिश से जीरे के उत्पादन में कमी के कारण विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति नही हो रही है। दूसरी ओर भारतीय रुपये के कमजोर होने का लाभ उठा कर चीन, बांग्लादेश, दुबई और ताइवान की ओर से जीरे की माँग अधिक हो रही है। भारतीय रुपये में कमजोरी बरकरार रहने की स्थिति में जीरे के निर्यात माँग में बढ़ोतरी जारी रह सकती है। (शेयर मंथन, 17 अगस्त 2018)
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