मेंथा ऑयल वायदा (सितंबर) की कीमतों को 1,655 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है, जिससे इसमें गिरावट पर रोक लग सकती है।
उत्तर प्रदेश के हाजिर बाजारों में किसान और स्टॉकिस्ट कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से अपने स्टॉक को रोक कर रखे हुए है और धीरे-धीरे बाजार में छोड़ रहे हैं। दूसरी ओर वर्तमान समय में निर्यात माँग औसत है, लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये के अब तक के निचले स्तर पर पहुँचने के कारण मेंथा ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद हैं।
एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 22,750-22,980 रुपये के दायरे में सीमित दायरे कारोबार करने की संभावना हैं। इसका कारण यह है कि कपास की माँग काफी कम है। मिलों के पास कपास का पर्याप्त स्टॉक है और वे खरीदारी को लेकर जल्दीबाजी में नही हैं। उत्तर भारत में नयी कपास की आवक में अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में तेजी आने की संभावना हैं तब तक मिलें कपास की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रही हैं। कई राज्यों में कपास की फसल बेहतर होने के कारण कीमतों में गिरावट होने की संभावना है।
चना वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,815-3,930 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। नाफेड द्वारा कई राज्यों में चना बेचने के कारण बाजारों में नरमी का सेंटीमेंट है। दूसरी ओर दाल और बेसन की सीमित बिक्री के बीच सूडान और बर्मा से काबुली चना के सस्ते आयात के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,300-4,400 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कारोबारी मौसम की स्थिति पर नजर रखे हुए है। राजस्थान में ग्वारसीड की फसल कुल मिला कर अच्छी है और कुछ स्थानों में उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2018)
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