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जीरा और धनिया में तेजी का रुझान - एसएमसी

हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,500 रुपये तक नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
हल्दी की कीमतों में प्रत्येक बढ़ोतरी के बाद बिकवाली दर्ज की जा सकती है। मौजूदा सीजन में हल्दी का उत्पादन 20% अधिक होने का अनुमान है, क्योंकि किसानों ने इरोद में मक्का और महाराष्ट्र में गन्ने जैसी अलाभकारी फसलों के स्थान पर हल्दी की खेती करना पसंद किया, जिससे हल्दी के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी हुई। हल्दी की लंबी जीवन अवधि और दवाओं के निर्माण में इस्तेमाल होने के कारण भी किसानों ने हल्दी के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी की। इससे दिसंबर में हल्दी की नयी फसल की आवक शुरू होने की संभावना से कारोबारी लांग पोजिशन नही ले रहे हैं।
कम उत्पादन क्षेत्रों की आशंका और माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना से जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 21,840 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी के रुझान रहने की संभावना है। इसके अतिरिक्त जीरे का कैरी ओवर स्टॉक 2,00,000-3,00,000 बैग (1 बैग 55 किलो ग्राम का) रहने का अनुमान है, जो 5,00,000 बैग के अनुमान से कम है। नयी फसल की आवक फरवरी में शुरू होगी। तब तक के लिए जीरे की उपलब्धता कम होने के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,420 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ बढ़त जारी रह सकती हैं। सूत्रों के अनुसार राजस्थान और गुजरात में इस वर्ष बुआई में 30% तक कमी हो सकती है। विश्व स्तर पर यूक्रेन, बुल्गारिया और रूस में इस वर्ष धनिया का उत्पादन लगभग आधा होने का अनुमान है। इसे देखते हुए विश्व स्तर पर धनिया का उत्पदन 40% कम होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 09 नवंबर 2018)

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