सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतें दो हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
इनमें अभी भी 3,300 रुपये तक गिरावट की संभावना है। बढ़ते व्यापार अंतर को पाटने के लिए चीन, भारत से सोयामील का आयात करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन चीन द्वारा भारत से सोयामील का आयात करने में अभी कुछ समय लग सकता है, क्योंकि चीन का कस्टम विभाग एक बार फिर से भारत के प्रोसेसिंग यूनिटों की जाँच के लिए 9-18 दिसंबर के बीच दौरा कर सकता हैं। इसके अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयामील की बढ़ती कीमतों के कारण विदेशों से माँग कम हो सकती है। रॉटरडम में भारतीय सोयामील की कीमत 418 डॉलर प्रति टन है, जो अर्जेंटिना के सोयामील की कीमत 364 डॉलर प्रति टन की तुलना में 54 डॉलर महँगा है।
सरसों वायदा (जनवरी) की कीमतें तीन महीने के निचले स्तर के नजदीक 3,981 रुपये पर पहुँच गयी हैं और 3,960 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, क्योंकि मौजूदा रबी सीजन में बुआई की अच्छी रफ्तार के बीच सरसों तेल की कम माँग के कारण पेराई मिलों की ओर से सरसों की माँग कम हो रही है। सरसों तेल की कीमतों में गिरावट के बाद पेराई मार्जिन कम होने के कारण केवल बड़ी मिलों द्वारा ही सरसों की खरीदारी की जा रही है। इसके अतिरिक्त चीन का कस्टम विभाग द्वारा पाँच यूनिटों को प्रमाणित करने के बावजूद अभी तक चीन का सरसोंमील का निर्यात शुरू नही हुआ है, क्योंकि चीन के कृषि विभाग में अभी तक पंजीकरण नही हुआ है।
आगामी दिनों में सीपीओ (दिसंबर) वायदा कीमतों में 498-500 रुपये तक रिकवरी जारी रहने की संभावना है। मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों ने 1,960 रिंगिट के करीब सहारा लेना शुरू कर दिया है। पिछले महीने की तुलना में दिसंबर में उत्पादन में कमी के अनुमान से कीमतों में रिकवरी हो रही है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड द्वारा नवंबर माह के आँकड़ें 10 दिसंबर को जारी किये जायेगें। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)
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