कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में सीमित दायरे में रुझान है और कीमतें 21,560-22,080 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
भारत में कपास के उत्पादन 12% की कमी के साथ 9 वर्षों में सबसे कम 32.5 मिलियन बेल के अनुमान के बावजूद खरीदार जल्दबाजी में नहीं हैं, क्योंकि बाजार में शुरुआती आवक के कारण आपूर्ति पर्याप्त है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना में फसल की पहली कटाई अंतिम चरण में है। इसके अतिरिक्त पिछले सीजन में 47 लाख बेल कपास का भंडार शेष बचा हुआ है, जो मौजूदा सीजन के लिए बफर का काम करेगा। दूसरी ओर केवल जरूरतमंद खरीदार ही सक्रिय हैं, जबकि अधिकांश कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 4,335-4,420 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता के कारण ग्वारगम निर्यात को लेकर अनिश्चितता से पेराई के लिए ग्वारसीड की माँग कम हो रही है।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों को पिछले चार हफ्ते से 4,750 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए चना वायदा में बिकवाली की सलाह है और कीमतें 4,500 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 4,335-4,420 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता के कारण ग्वारगम निर्यात को लेकर अनिश्चितता से पेराई के लिए ग्वारसीड की माँग कम हो रही है।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों को पिछले चार हफ्ते से 4,750 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए चना वायदा में बिकवाली की सलाह है और कीमतें 4,500 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2018)
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