इलायची की कीमतों ने 1,100 के स्तर के नजदीक से वर्ष की शुरूआत की और जनवरी में अच्छी-खासी बढ़त दर्ज की।
घरेलू बाजारों के साथ ही विदेशों से खरीदारी, अच्छी क्वालिटी के इलायची के कम होते स्टॉक और फसल कटाई के व्यस्ततम सीजन के समाप्त होने के कारण कीमतों को मदद मिली। लेकिन यह बढ़त अल्पकालिक ही रही और कीमतों में लगातार 5 महीनों तक गिरावट हुई। कीमतें 818.50 के निचले स्तर पर पहुँच गयी, जबकि इलायची का उत्पादन लागत लगभग 800 रुपये/किग्रा है। उत्पादन क्षेत्रों में अच्छी बारिश के बाद अधिक उत्पादन अनुमान के कारण फरवरी महीने से नरमी का रुझान शुरू हुआ।
2017-18 में इलायची का उत्पादन 2016-17 के 17,990 टन के मुकाबले लगभग 30,000 टन हुआ था। सऊदी अरब द्वारा भारतीय इलायची में कीटनाशक अवशेष होने पर आयात पर रोक लगाये जाने से भारत से छोटी इलायची का निर्यात बाधित हुआ। 2011 से ही यह देखा गया है कि एक वर्ष के अंतराल के बाद इलायची वायदा से बेहतर मुनाफा हुआ है। 2011, 2013, 2015 और 2017 में नरमी का रुझान रहा, जबकि 2012, 2014, 2016 और 2018 में तेजी का रूझान रहा है। लेकिन सप्लाई में कमी के अनुमान को देखते हुए 2019 इस रुझान से अलग अपवाद हो सकता है। 2019 में इलायची की कीमतें एमसीएक्स में 1,100-2,200 रुपये के दायरे में रह सकती हैं। (शेयर मंथन, 11 जनवरी 2019)
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