सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,770 रुपये तक बढ़त जारी रहने की संभावना है।
हाल ही में रुपये में लेन-देन के कारण ईरान का बाजार भारतीय सोयामील के लिए खुल गया है। ईरान ने भारत जैसे व्यापारिक सहयोगियों के साथ उनकी अपनी करेंसी में भुगतान स्वीकार करने और उसी करेंसी से उन देशों से आयात का भुगतान करने पर सहमत हो गया है।
सोयाबीन के विपरीत सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,800 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। नयी फसल की आवक हाजिर बाजारों में जल्दी ही शुरू होने की संभावना से बिकवाली बढ़ सकती है। दूसरी ओर कृषि मंत्रालय, चीन के यहां निर्यातकों के रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता को पूरा करने की प्रक्रिया काफी धीमी होने के कारण मौजूदा वित्त वर्ष में चीन का सरसोंमील के निर्यात होने की संभावना पूरी तरह से धूमिल होने की खबरों से माँग काफी सुस्त रह सकती है।
सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों के 542-548 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। रिंगिट के मजबूत होने और अधिक भंडार के कारण बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों में तेजी से गिरावट हुई है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के अनुसार दिसंबर के अंत तक मलेशियन पॉम ऑयल का भंडार 3.22 मिलियन टन हो गया है, जो नवंबर की तुलना में 6.9% अधिक है।
सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी और 1,116 रुपये टन की बेहतर पेराई मार्जिन के कारण रिफाइंड सोया तेल (फरवरी) वायदा की कीमतें 762 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 15 जनवरी 2019)
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