एमसीएक्स में कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 20,500-21,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
मौजूदा सीजन में आपूर्ति में कमी की संभावना के बावजूद कमजोर माँग के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है। कमजोर वैश्विक रुझानों के बीच सुस्त खरीदारी के कारण कल दक्षिण और मध्य भारत में कपास की कीमतों में स्थिरता रही है। दूसरी ओर चीन धागों का खरीदारी नही कर रहा है, जिसके कारण आपूर्ति कम नहीं हो रही है और भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,250-4,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,450 रुपये के ऊपर कारोबार करने की संभावना है। निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण निवेशकों द्वारा नयी पोजिशन बनाये जाने से ग्वारगम की कीमतो में रिकवरी हुई है। कारोबारियों के अनुसार वित वर्ष 2018-19 में ग्वारगम की निर्यात माँग बेहतर है। नाफेड द्वारा लगातार बिकवाली जारी रखने के कारण चना वायदा (मार्च) की कीमतों के 4,300 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटने की संभावना है।
नवीनतम आँकड़ों के अनुसार नाफेड ने 10 जनवरी तक लगभग 4.69 लाख टन चना बाजार में बेचा है। नाफेड ने कई राज्यों कई राज्यों से 27.22 लाख टन चना की खरीदारी की थी। (शेयर मंथन, 15 जनवरी 2019)
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,250-4,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,450 रुपये के ऊपर कारोबार करने की संभावना है। निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण निवेशकों द्वारा नयी पोजिशन बनाये जाने से ग्वारगम की कीमतो में रिकवरी हुई है। कारोबारियों के अनुसार वित वर्ष 2018-19 में ग्वारगम की निर्यात माँग बेहतर है। नाफेड द्वारा लगातार बिकवाली जारी रखने के कारण चना वायदा (मार्च) की कीमतों के 4,300 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटने की संभावना है।
नवीनतम आँकड़ों के अनुसार नाफेड ने 10 जनवरी तक लगभग 4.69 लाख टन चना बाजार में बेचा है। नाफेड ने कई राज्यों कई राज्यों से 27.22 लाख टन चना की खरीदारी की थी। (शेयर मंथन, 15 जनवरी 2019)
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