सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश के अनुमान से कीमतों में लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त दर्ज की जा सकती है। निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट ने सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा में बारिश कम होने का अनुमान लगाया है। जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों के 3,680 रुपये के नजदीक सहारा रहने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है।
मौजूदा तेल वर्ष के पहले 6 महीनों में सोयामील की माँग के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि निर्यात 16.880 लाख टन हुआ है और 1 मई तक 1.53 लाख टन स्टॉक ही शेष बच गया है, जबकि पिछले वर्ष में समान अवधि में 11.78 लाख टन निर्यात और 2.055 लाख टन स्टॉक बच गया था।
अमेरिकी सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 27 सेंट के नजदीक सहारे के साथ 27.5-28 सेंट तक रिकवरी हो सकती है, क्योंकि कारोबारी व्यापार युद्ध की आशंका से उबर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर सेंटीमेंट और डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होकर 70 के नजदीक कारोबार करने के कारण सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के 735 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 740-742 रुपये पर पहुँच जाने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के 525-530 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। खाद्य तेलों की अधिक निर्यात माँग के कारण बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों को 1,950 रिंगिट प्रति टन पर सहारा मिला है और कीमतें दो हफ्ते के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
सरसों वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 3,950-3,970 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। तेल मिलों की ओर से खरीदारी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी में बढ़ोतरी होने के कारण कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट रह सकता है। (शेयर मंथन, 20 मई 2019)
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