हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
हल्दी की कीमतें 7,300-7,350 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। बाजारों में अच्छी क्वालिटी की हल्दी की कम आपूर्ति और बेहतर माँग के कारण हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके अतिरिक्त सांगली में कारोबारी गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, क्योंकि इरोद की तुलना में सांगली में बेहतर क्वालिटी की हल्दी की उपलब्धता है।
जीरा वायदा (जून) की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है और कीमतें 17,590 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 18,100-18,200 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। ऐसी खबर है कि चीन और दुबई को अच्छी मात्रा में जीरे का निर्यात किया जा रहा है और साथ ही अतिरिक्त ऑर्डर भी मिल रहे हैं। वर्तमान समय में तुर्की और सीरिया जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण निर्यातकों और थोक खरीदारों की ओर से खरीदारी हो रही है।
इलायची वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है और कीमतें 2,400-2,450 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। केरल में पिछले कुछ महीने से लगातार सूखे मौसम के कारण इलायची के लगभग 40% पौधे नष्ट हो गये हैं। छिटपुट बारिश, तेज हवाओं, भूस्खलन और पानी की कमी के कारण इलायची फसल नष्ट हो रही है और उसमें रिकवरी की उम्मीद नहीं है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों में 7,675 रुपये तक तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है और यदि कीमतें इस स्तर से ऊपर बरकरार रहती हैं, तो 7,800 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। राजस्थान के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम आपूर्ति और घरेलू खरीदारों की ओर से माँग में बढ़ोतरी होने के कारण सेंटीमेंट बेहतर है। राजस्थान के बाजारों में मौजूदा समय में लगभग 30,000-35,000 बैग की आवक होनी चाहिए, लेकिन इस वर्ष कम उत्पादन के कारण केवल 7,000-8,000 बैग की आवक हो रही है। (शेयर मंथन, 20 मई 2019)
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