व्यापार युद्ध के बढ़ते भय के कारण घरेलू बाजार में कॉटन वायदा की कीमतों की तेजी पर रोक जारी रह सकती है।
हाजिर बाजारों में खरीदारों और बिक्रेताओं की ओर से सावधनी के कारण सुस्त कारोबार हो रहा है। इसलिए मई कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 21,200-21,450 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आईसीई कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 48 से 73 अंकों की बढ़त हुई हैं। यूएसडीए के अनुसार अमेरिकी कपास की साप्ताहिक निर्यात बिक्री 3,81,426 आरबी हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से अधिक है। भारत ने 98,500 आरबी और तुर्की ने 93,200 आरबी कपास की खरीदारी की है। चीन ने 25,127 आरबी कपास के ऑर्डर को रद्द कर दिया है। वियतनाम ने 79,000 आरबी नये कपास की खरीदारी की है।
ग्वार सीड वायदा (जून) की कीमतों को 4,460 के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों में 8,925 रुपये तक गिरावट हो सकती है। राजस्थान कृषि विभाग द्वारा 2019-20 में ग्वार का उत्पादन मौजूदा वर्ष के अनुमानित 10.3 लाख टन की तुलना में 45.5% की बढ़ोतरी के अनुमान के बाद सेंटीमेंट कमजोर हो गया है। आगामी सीजन में ग्वार की उत्पादकता पिछले वर्ष के 334 किलो ग्रम प्रति हेक्टेयर की तुलना में 500 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है। मक्का वायदा की कीमतें हर हफ्र्ते रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच रही हैं और आगे भी तेजी का रुझान जारी रह सकता है। पशु आहार निर्माताओं की ओर से अधिक खरीदारी के कारण जून कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों को 1,907 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। (शेयर मंथन, 24 मई 2019)
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