हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,950-7,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
इरोद के हाजिर बाजारों से हल्दी की आवक में गिरावट दर्ज की गयी है। अधिक कीमत मिलने की संभावना के कारण इरोद का हल्दी बाजार अन्य जिलों और राज्यों से भी किसानों को आकर्षित करता है। इस वर्ष इरोद के किसानों ने उत्पादों के स्टॉक को रोक कर रखना पसंद किया और जब कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो इसे बेचते हैं। जून और जुलाई में बारिश के पूर्वानुमान के आधार पर, आगामी हफ्तों में माँग और कीमत तय होगी।
जीरा वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 17,550-17,850 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। इस सीजन के कारण इस कमोडिटी की माँग में वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि सीरिया और तुर्की, दोनों प्रमुख उत्पादकों में उत्पादन कम होने के कारण भारत से माँग में बढ़ोतरी हुई है। व्यापार सूत्रों के अनुसार, सीरिया में जीरे का उत्पादन इस वर्ष कम होने का अनुमान है, क्योंकि भारी बारिश से इसकी फसल का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण निर्यातकों और थोक खरीदारों की ओर से खरीदारी हो रही है क्योंकि वे आगामी महीनों में विदेशी बाजार में माँग बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
इलायची वायदा (जून) की कीमतों में बढ़त सीमित रह सकती है और 2,325-2,360 के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। छोटी इलायची की खराब गुणवत्ता की आवक के कारण नीलामी केंद्र पर कमजोर माँग और कीमतों पर दबाव पड़ा है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों में कुल मिलाकर बेहतर रुझान है। कीमतों को 7,450 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। आगामी दिनों में अधिक माँग के अनुमान और अनुमान से कम आवक के कारण हाजिर बाजारों में तेजी का सेंटीमेंट है। (शेयर मंथन, 27 मई 2019)
Add comment