कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के 21,400-21,700 रुपये के दायरे में बरकरार रहने की संभावना है।
घरेलू कपास की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के नकारात्मक रुझानों पर कारोबार कर रही हैं, जहाँ चल रहे व्यापार युद्ध से सेंटीमेंट प्रभावित हो रहा हैं। कारोबारियों की नजर निश्चित रूप से कपास की बुआई पर रहेगी, क्योंकि पश्चिम टेक्सास में कपास की बुवाई हो रही है और यह पिछले 10 वर्षों में सबसे अच्छी फसल हो सकती है। इसके अलावा यदि व्यापार युद्ध का समाधन आगामी हफ्तों में नहीं होता है, तो अमेरिकी कपास निर्यात बाधित होगा और कुल मिलाकर निकट भविष्य में कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है। घरेलू बाजार में यद्यपि कपास की कीमतें कम हो गयी हैं, लेकिन खरीदारी को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 4,385-4,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कारोबारियों का अनुमान है कि आगामी सीजन में ग्वार की बुवाई में 15-20% की गिरावट आ सकती है, क्योंकि किसान कपास और दलहन की खेती की ओर रुख कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें इन दोनों फसलों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं।
इसके विपरीत ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतें 8,800-8,920 रुपये के दायरे में रह सकती है और कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है। तेल भंडार में बढ़ोतरी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और उत्तरी अमेरिका की तेल रिग कंपनियों द्वारा ग्वारगम के बजाय स्लीक पानी जैसी सस्ती मैनुफैक्चरिंग सामग्री का उपयोग करने से भारत से इसकी निर्यात माँग में कमी आ सकती है।
मेंथा तेल वायदा (जून) की कीमतों में 1,290 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 1,330 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। इस महीने के अंत में आवक में तेजी आने की संभावना के मुकाबले स्टॉकिस्टों की ओर से नयी माँग के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 27 मई 2019)
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