सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों में 3,710 रुपये के स्तर सहारे के साथ 3,760 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है।
निचले स्तर की खरीदारी और 586 रुपये प्रति टन की पेराई मार्जिन के बाद मिलों की ओर से अधिक खरीदारी की उम्मीद के कारण हाजिर बाजारों की माँग में तेजी देखी जा रही है।
घरेलू सोयाबीन की कीमतों में तेजी और डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपये के कारण सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों में 748-752 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। लंबे समय तक व्यापार युद्ध और तेल की कीमतों में गिरावट के कारण सीबोट में पर सोया तेल की कीमतों में मौजूदा नरमी के बावजूद, बढ़ती माँग के कारण घरेलू बाजार में कीमतें प्रभावित नहीं होगी।
इसके विपरीत सीपीओ वायदा (जून) के 500 रुपये तक लुढ़कने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की माँग में गिरावट का संकेत मिल रहा है, क्योंकि यूरोपीय संघ ने जैव ईंधन में पॉम ऑयल के उपयोग की सीमा तय कर दी है, जिससे पॉम ऑयल से जैव ईंधन के प्रकारों को प्रतिबंधित करेगा। यूरोपीय संघ के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य 10 जून से लागू होंगे। इसके अलावा अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध पॉम ऑयल उद्योग के लिए सिरदर्द बना हुआ है और गतिरोध से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। एनालिस्टों ने माना है कि 2017 की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यभार लेने के बाद से मलेशियाई पॉम ऑयल की कीमतों में लगभग 36% की गिरावट हुई है।
सरसों वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 3,960 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। इसलिए सरसों में निचले स्तर पर खरीद की जा सकती है। वर्तमान समय में पेराई के लिए हाजिर बाजारों में माँग अधिक है, जबकि आवक कम हो रही है, क्योंकि अधिक आपूर्ति का मौसम समाप्त हो रहा है। (शेयर मंथन, 27 मई 2019)
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