सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों को 3,680-3,655 रुपये के स्तर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है।
निचले स्तर की खरीदारी और 817 रुपये प्रति टन की पेराई मार्जिन के बाद मिलों की ओर से अधिक खरीदारी की उम्मीद के कारण हाजिर बाजारों की माँग में तेजी देखी जा रही है।
घरेलू सोयाबीन की कीमतों में तेजी और डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपये के कारण सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों को मदद मिल सकती है और कीमतें 753-758 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। इंदौर मंडी में कम उपलब्धता के कारण सोया तेल और पाम तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान है।
सोया रिफाइंड की कीमतें बढ़ कर 760-765 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। इंदौर मंडी में कम उपलब्धता के कारण सोया तेल और पाम तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान है। सोया रिफाइंड की कीमतें बढ़ कर 760-765 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के 520-525 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण बीएमडी में पाम ऑयल की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। सीबोट में सोया तेल जुलाई काॅन्टैंक्ट की कीमतों में 0.2% की गिरावट दर्ज की गयी है।
सरसों वायदा (जून) की कीमतों में 3,990-4,005 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। वर्तमान समय में पेराई के लिए हाजिर बाजारों में माँग अधिक है, जबकि आवक कम हो रही है क्योंकि अधिक आपूर्ति का मौसम समाप्त हो रहा है। जयपुर के हाजिर बाजार में सरसों की कीमतें 10 रुपये बढ़ कर 4,110-4,115 रुपये के स्तर पर पहुँच गयी है। (शेयर मंथन, 31 मई 2019)
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