कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
ओपेक द्वारा तेल उत्पादन में अधिक कटौती की संभावना से आज तेल की कीमतों को मदद मिल रही है लेकिन अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद गहराने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आशंका के कारण तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। तेल की कीमतों में हाल ही में गिरावट के बाद ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब द्वारा तेल उत्पादकों की बैठक बुलाये जाने की खबरों से तेल की कीमतों में 2% की उछाल दर्ज की गयी। फिर भी तेल की कीमतें अप्रैल के उच्च स्तर से 20% नीचे हैं।
कच्चे तेल की कीमतों के 3,750 रुपये पर बाधा के साथ 3,650 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। अमेरिका द्वारा 1 सितंबर से चीन के उत्पादों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाये जाने और चीन द्वारा अपनी करेंसी का अवमूल्यन किये जाने के बाद मुद्रा युद्ध छिड़ने से वैश्विक वितीय बाजार में उथल-पुथल देखी जा रही है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हो सकती है और कीमतें 151 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 147 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। अगले हफ्ते गैस की माँग के अनुमान से कम रहने की संभावना से कल अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतें तीन वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गयी हैं। (शेयर मंथन, 09 अगस्त 2019)
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