कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 19,500-19,700 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
धागा मिलों पर कमजोर माँग और कपास की अधिक कीमतों का असर पड़ रहा है। भारत से धागों के निर्यात में कमी के अनेक कारण हैं। वियतनाम जैसे देशों से कम कीमतों पर धागों की उपलब्धता भी एक अहम कारण है। वियतनाम कपास का आयात चीन से करता है, जो काफी कम कीमतों पर कपास बेच रहा है। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका कपास वायदा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। यूएसडीए के अनुसार अमेरिका कपास की बेहतर निर्यात बिक्री 1,46,000 रनिंग बेल हुई है, जो पिछले हफ्ते की तुलना में 11% कम है। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कुछ सकारात्मक बातचीत के कारण आईसीई में कॉटन वायदा की कीमतों 0.46% बढ़ कर 59 सेंट के आस-पास कारोबार कर रही हैं।
चना वायदा (सितंबर) की कीमतें 4,000 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ कारोबार सकती हैं। नाफेड ने चना की बिक्री के लिए सभी कारोबारियों के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है, जिससे बाजार में यह अटकले हैं कि सरकारी एजेंसी बाजार दरों पर चना की बिक्री करेगी। कारोबारियों ने निलामी के तहत अधिकतम 4,000 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर खरीद का प्रस्ताव रखा था जो मौजूदा बाजार दर और नाफेड की उम्मीद से कम है।
कैस्टरसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों को 5,800 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गुजरात में अरंडी की बुआई अगस्त के अंत और सितंबर में होगी। किसान आमतौर पर सीजन में अरंडी की बुवाई अपेक्षाकृत देर से करते हैं। (शेयर मंथन, 30 अगस्त 2019)
Add comment