हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतें यदि 5,760 रुपये से नीचे टूटती है तो 5,700 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
बाजारों में हल्दी की आवक बढ़ गयी है। इरोद के चार बाजारों में मध्यम और खराब क्वालिटी की कुल 2,500 बैग हल्दी की आवक हुई। कारोबारियों ने स्थानीय माँग को पूरा करने के लिए लगभग 60% हल्दी की ही खरीदारी की। कारोबारी अभी घरेलू माँग का इंतजार कर रहे हैं। इरोद हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,714-7,691 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतें 5,314-6,430 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों को 16,480 रुपये के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण कमजोर खरीदारी है और आपूर्ति में वृद्धि की संभावना है क्योंकि इस सीजन में बुआई बेहतर रहने की उम्मीद है। यह दिवाली के बाद शुरू होने की संभावना है। पानी की उपलब्धता के कारण 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में उत्पादन क्षेत्रों में 10-20% की वृद्धि होने की उम्मीद से भी कीमतों में नरमी का सेंटीमेंट है। जीरा को कम पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन जैसे-जैसे बारिश जारी रहती है, बुआई अगले सप्ताह तक शुरू हो जानी चाहिए। इस साल अच्छी बारिश होने से उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
धनिया वायदा (नवंबर) की कीमतों को 6,060 रुपये के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकता है और नरमी का रुझान रहने की संभावना है। आगामी सीजन में धनिया का उत्पादन अधिक हो सकता है क्योंकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मॉनसून काफी अच्छा रहा है। इसकी बुआई नवंबर में होने की उम्मीद है और इसलिए अभी भी समय है। फिर भी यदि बुआई क्षेत्रों में बढ़ोतरी होती है तो कीमतों में गिरावट सीमित होगी क्योंकि वर्तमान स्टॉक कम हो गया है। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2019)
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