सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 3,630 रुपये के पास सहारा रहने की संभावना है, जबकि कीमतों में 3,680 रुपये तक बढ़त हो सकती है।
पूरे देश में औसत पैदावार में भारी कमी के कारण इस वर्ष भारत के सोयाबीन उत्पादन में 17.74% की कमी होने की संभावना है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) ने अपने सर्वेक्षण में कहा कि 2019 में भारत में सोयाबीन का कुल उत्पादन 89.94 लाख टन हो सकता है, जो 2018 के उत्पादन 109.33 लाख टन से 17.74% कम है। वर्तमान फसल कटाई के सीजन में औसत उत्पादकता 836 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में 1009 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर था।
सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 0.7% की गिरावट के बाद आज कीमतें 0.1% की गिरावट के साथ कीमतें 9.32 डॉलर प्रति बुशल तक लुढ़क गयी है। अमेरिका ने कहा है कि पहले दौर के करार के बाद चीन 40 से 50 अरब डॉलर के कृषि उत्पादों को खरीदने के लिए तैयार हो गया है।
सरसों के वायदा (नवंबर) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 4,115-4,140 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कृषि मंत्रालय ने सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 5.3% की वृद्धि का प्रस्ताव किया है, जिससे कीमतें मौजूदा आधर मूल्य 4,200 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ कर 4,425 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगी। सरकार पिछले कुछ वर्षों से खाद्यान्नों के बजाय दलहन और तिलहन की खेती को बढ़ावा दे रही है।
सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 5,53-560 के दायरे में कारोबार कर सकती है। भारत में सितंबर में पॉम ऑयल का आयात सितंबर 2018 के 14,91,174 टन की तुलना में 13% की गिरावट के साथ 1,303,976 टन हुआ है। मलेशिया से पॉम ऑयल और अन्य उत्पादों के आयात को सीमित करने के लिए टैक्स में बढ़ोतरी की संभावना से मिलों ने नवंबर और दिसंबर के लिए मलेशिया से आयात करना बंद कर दिया है। (शेयर मंथन, 16 अक्टूबर 2019)
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