शेयर मंथन में खोजें

सरसों में तेजी, सोयाबीन के लिए बाधा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों में तेजी के रुझान के जारी रहने की संभावना नहीं दिख रही है कीमतों को 3,870 रुपये के स्तर के करीब अड़चन का सामना करना पड़ सकता है।

मौजूदा लॉकडाउन के कारण पारंपरिक विदेशी खरीदारों की ओर से कमजोर माँग के कारण भारत का सोयामील निर्यात घट सकता है। दुनिया के कई हिस्सों में शटडाउन ने आपूर्ति की गतिविधि को प्रभावित किया है और परिवहन प्रतिबंधें के कारण पोल्ट्री फार्मों तक सोयाबीन को पहुँचाना संभव नहीं हो रहा है और यहाँ तक कि कोरोनो वायरस के डर से पशु आहार की माँग भी कम हो गयी है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी नकारात्मक खबरें आ रही हैं कि चीन के खरीदार अब अमेरिकी मूल की तुलना में कम कीमतों के कारण सस्ती ब्राजीलियाई सोयाबीन की जुलाई और अगस्त के लिए बुकिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले हफ्ते, कोरोनो वायरस महामारी के कुप्रबंधन को लेकर एक-दूसरे पर आरोपों के कारण हाल ही में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार संबंध के बाधित होने की आशंका है, जिसके कारण पहले चरण का व्यापार सौदा दबाव में रह सकता है।
सरसों वायदा (जून) की कीमतों में 4,250-4,350 रुपये के स्तर तक तेजी का रुझान रह सकता है, इसलिए कीमतों में गिरावट की स्थिति में 4,110 रुपये स्तरों के पास खरीदारी की जा सकती है। मौजूदा अधिकतम पेराई सीजन में, मिलों को सरसों की उपलब्धता में आसान हुई है क्योंकि अढ़िया सरसों की आपूर्ति कर रहे हैं। श्रम समस्या भी कमोवेश कम हो गयी है। खाद्य तेलों से लदे टंक अब डीलरों और वितरकों तक पहुँचने के लिए देश के भीतरी क्षेत्रों में पहुँच रहे हैं। आने वाले दिनों में, सोया तेल वायदा (जून) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती है और कीमतें 765 रुपये से नीचे ही रह सकती है, जबकि सीपीओ वायदा (मई) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 580-610 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। सभी प्रमुख उपभोग क्षेत्रों में माँग पूरी तरह से समाप्त हो गयी है और देश में खाद्य तेलों की मासिक माँग में 30% की गिरावट आई है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में, जैव ईंधन की माँग में संभावित कटौती के कारण वनस्पति तेल की कीमतों और पॉम ऑयल की कीमतों में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 11 मई 2020)

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"