हल्दी वायदा (अगस्त) में 5,600-5,700 रुपये के करीब निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों में 6,000-6,100 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी होने की संभावना है।
बांग्लादेश से लगातार निर्यात माँग और भारतीय मुद्रा में कमजोरी से विदेशी व्यापार को मदद मिलने के कारण हाजिर कीमतों में तेजी का रुझान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 2020-21 (जुलाई-जून) में उत्पादन क्षेत्रों में गिरावट की उम्मीद से भी कीमतों को मदद मिल रही है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,389-6,314 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,809-5,801 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बेची गयी। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी 5,550-6,399 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 5,399-5,753 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बेची गयी।
हाजिर बाजारों से कोई रुझान नहीं मिलने के कारण जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतें 14,200-14,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। यह खबरें है कि गुजरात का बेंचमार्क ऊंझा बाजार कोविड-19 की आशंका और परिसर में कोरोना से संक्रमित मामलों को लेकर 1 से 16 अगस्त तक बंद रहेगा।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतें छह महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है और तेजी के रुझान के साथ 6,300-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। आवक में गिरावट के बीच घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से मजबूत माँग से हाजिर बाजारों में कीमतों में तेजी है। राजस्थान के एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र रामगंज में, बादामी किस्म की धनिया 6,600 रुपये प्रति 100 किलोग्राम और ईगल किस्म की 7,000 रुपये में बेची गयी।
इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतें रिकवरी दर्ज कर रही है और यह 1,550-1,600 रुपये के स्तर तक जारी रहेगी। इलायची के कुछ बागानों में शुरुआती दौर की फसल कटाई शुरु हो चुकी है और किसान गर्मियों की अच्छी बारिश और अनुकूल जलवायु के बदौलत अच्छी पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं। सउदी अरब को निर्यात फिर से शुरू होने से और लगातार माँग के कारण उम्मीद बढ़ गयी है। (शेयर मंथन, 27 जुलाई 2020)
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