हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 5,825-5,925 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
उत्तर भारत के अन्य बाजारों में भी आवक कम है और मांग कम होने के कारण भारत के सभी बाजारों में हल्दी की बिक्री कम है। आमतौर पर इस सीजन के दौरान कीमत में वृद्धि हो सकती है और कुछ नयी माँग भी आती है, लेकिन इस साल जून और जुलाई के दौरान बिक्री और माँग अच्छी रही, इसलिए उत्तर भारत में खरीदारों ने इस समय हल्दी नहीं खरीदी। लेकिन व्यापारी इस सप्ताह के अंत तक नयी माँग की उम्मीद कर रहे हैं। निजामाबाद स्थित व्यापारी हल्दी की कीमतों में आगे भी गिरावट की संभावना से इनकार करते हैं, फिर भी कीमतों में कोई भी वृद्धि धीरे-धीरे होगी। दशहरे पर कीमतों में 100-200 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
जीरा वायदा की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 14,070-14,270 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अधिक घरेलू माँग और कम आवक के कारण राजकोट की प्रमुख मंडियों में जीरा की हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। ऊँझा और राजकोट मंडी में जीरा की सभी किस्मों की कीमत 15-20 रुपये प्रति 20 किलोग्राम थी। रफ जीरा और एनसीडीईएक्स की गुणवत्ता वाली जीरे की कीमत क्रमशः 15 रुपये बढ़कर 1,850-2,125 रुपये और 2,210-2,395 रुपये प्रति 20 किलोग्राम पर पहुँच गयी। सर्वोत्तम गुणवत्ता और बॉम्बे बोल्ड की कीमतें 20 रुपये बढ़कर 2,430-2,530 रुपये और 2,608-2,705 रुपये प्रति 20 किलोग्राम हो गयी है।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 6,540-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान की बरान मंडी को छोड़कर भारत की प्रमुख मंडियों में कीमतों का रुख लगातार कम होता जा रहा है, जबकि आवक कम रही और पिछले सप्ताह से वायदा कीमतों में तेजी थी। (शेयर मंथन, 16 सितंबर 2020)
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