सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 4,080 रुपये के पास अड़चन के साथ 3,750-3,700 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
घरेलू बाजार में नयी फसल की आवक तेजी आने की संभावना है जिससे आपूर्ति अधिक हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी, सोयाबीन की फसल तेजी से बढ़ रही है और कीमतों पर दबाव बढ़ा रही है। आने वाले दिनों में होने वाली बारिश से अमेरिकी सोयाबीन की फसल के प्रभावित होने की संभावना नही है, क्योंकि अधिकांश मिडवेस्ट में सूखा रहने की संभावना है। दूसरे, यूरोप में आर्थिक मंदी के संकेत और संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की एक दूसरी लहर को लेकर नये सिरे से चिंता के कारण अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की बढ़त जारी है।
सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेलों की मिलावट पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 5,300-5,500 रुपये के दायरे में मजबूती के साथ कारोबार रहने की उम्मीद है। नया विनियमन 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी होगा। विभिन्न हितधरकों के साथ विचार-विमर्श के बाद, सरकार ने एफएसएसएआई को सरसों के तेल में मिलावट पर रोक लगाने और सार्वजनिक हित में घरेलू खपत के लिए शुद्ध सरसों तेल के निर्माण और बिक्री की सुविध के लिए निर्णय लिया है।
पिछले सप्ताह राष्ट्रीय एक्सचेंज पर सोया तेल वायदा की कीमतें अपने अब तक के उच्चतम स्तर 955 रुपये को पार करने में असफल रही है और 954.50 के उच्च स्तर से यू-टर्न लेते हुये 892 रुपये के स्तर पर लुढ़क गयी। अब कीमतों में 870-860 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। इस बीच, सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 725-770 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बाजारों में माँग में कमी और मजबूत डॉलर के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों में मौजूदा मंदी के रुझान जैसे कारकों के कारण, कीमतों की बढ़त पर रोक लगे रहने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 28 सितंबर 2020)
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