हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,830-5,930 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
कुछ स्थानीय खरीद और बेहतर निर्यात माँग के बीच भारत की प्रमुख मंडियों में हल्दी की हाजिर कीमतों में स्थिरता है। लेकिन अधिकांश मंडियों में आवक बढ़ गयी है। इरोड में हल्दी व्यापारी अभी भी अधिक माँग के लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्हें हल्दी पाउडर पीसने वाली इकाइयों और मसाला फर्मों की ओर से मध्यम स्थानीय माँग मिल रही है जिन्होंने हल्दी की अच्छी मात्रा में खरीदारी की है। कुछ खरीदार अपनी लंबित माँगों को पूरा करने के लिए खरीद रहे हैं। कारोबारियों ने कहा है कि कुछ हल्दी निर्यातक एक या दो किसानों और अन्य राज्यों से भी अच्छी गुणवत्ता की हल्दी खरीद रहे हैं। श्रीलंका को कोई हल्दी निर्यात नहीं की जा रही है, क्योंकि श्रीलंका सरकार ने अपने देश में हल्दी की खेती विकसित करने के लिए आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन हल्दी का निर्यात दूसरे देशों में जारी है।
त्यौहारी माँग के साथ-साथ विदेशों से निर्यात के लिए खरीद के कारण जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 13,850-13,950 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। भारत में इस सप्ताह कोविड-19 मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी है, जिससे होटल और रेस्तरां में सभी खाद्य वस्तुओं के लिए माँग को बढ़ावा मिलेगा।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,650-6,720 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में त्यौहारी माँग के कारण धनिया की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हुई है क्योंकि मसाला निर्माता ताबड़तोड़ खरीदारी में लगे हुये हैं। मसाला निर्माताओं के साथ खरीदार वास्तव में खरीदारी करने के ब्याज बड़े ऑर्डर की पूछताछ कर रहे हैं। जयपुर मंडी में, फाइन ग्रेड की साफ बादामी धनिया की कीमतों 6,700-6,900 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में है जबकि ईगल किस्म की कीमतों 7,150-7,600 रुपये के दायरे कारोबार कर रही है और पैरट किस्म की कीमतों 8,400-8,600 रुपये प्रति क्विंटल है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2020)
Add comment