धीमी आवक के कारण सोयाबीन वायदा (नवम्बर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,100 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 4,250 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्यों-आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के प्रमुख क्षेत्रों में औसत से अधिक वर्ष के कारण फसल की कटाई प्रभावित हुई है। अगले कुछ दिनों तक आवक धीमी रहेगी। इस बीच, जब विशेषज्ञ सोयाबीन की वैश्विक कीमतों के बारे में चिंतित हैं, इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 2020 के खरीफ के दौरान घरेलू उत्पादन में 12.34 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। सीबोट में सोयाबीन वायदा की कीमतें सावधनी से बढ़त दर्ज कर रही है क्योंकि दक्षिण अमेरिकी वर्षों और फसल के दबाव की भरपायी चीन का अधिक बिक्री होने से कीमतों को मदद मिल रही है। सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में बारिश के साथ ब्राजील में सोयाबीन की बुआई रफ्तार बढ़ रही है। मोटो ग्रासो क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई पाँच साल के औसत 12% की तुलना में 3.4% हुई है।
सरसों वायदा (नवम्बर) की कीमतें 5,530-5,600 रुपये के दायरे में स्थिर रह सकती है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों से कम आवक और मिलों की मजबूत माँग के कारण कीमतों को समर्थन मिल सकता है। लेकिन उत्पादन क्षेत्रों में तेज वृद्धि की संभावना से काउंटर पर दबाव रह सकता है। सरकार के पास 2020-21 (जुलाई-जून) के दौरान रबी की बुआई के लिए अच्छी गुणवत्ता के पर्याप्त सरसों के पर्याप्त बीज हैं। इसमें 25,100 टन की आवश्यकता के मुकाबले 26,700 टन प्रमाणित बीजों का कुल भंडार है।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 925-940 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 780-790 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट की ओर से कमजोर माँग के कारण सितंबर में भारत में पॉम तेल का आयात 27% कम होकर तीन महीने में सबसे कम हुआ है। जबकि उच्च घरेलू माँग के कारण सोया तेल की खरीद में 28% की बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2020)
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