नयी फसल के नुकसान की खबरों और बेहतर पेराई मार्जिन के कारण सोयामील के अधिक निर्यात की संभावनाओं से निकट अवधि में सोयाबीन वायदा की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
नवंबर कॉन्टैंक्ट की कीमतें 4,200 रुपये स्तर के पास सहारा के साथ 4,500 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। बेहतर वैश्विक संकेतों के साथ ही पेराई मिलों की ओर से सोयाबीन की अधिक खरीद और कम उपलब्धता के कारण इंदौर में और अन्य मंडियों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान जारी है। इंदौर की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें 4,190-4,200 रुपये के दायरे में हैं। सीबोट में सोयाबीन की कीमतें चार साल के उच्च स्तर 10.85-1 प्रति 4 डॉलर प्रति बुशल पर पहुँच गयी। साप्ताहिक निर्यात निरीक्षण आँकड़ों के अनुसार, मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में अब तक हर हफ्ते सोयाबीन का निर्यात वॉल्यूम किसी भी अन्य वर्ष की तुलना में अधिक रहा है।
पिछले सप्ताह, नॉफेड द्वारा बिक्री के निलंबन से आवक में कमी और नयी रबी फसलों के अगले साल तक बाजार में आने तक कमी की आशंका से मिलों की ओर से अधिक खरीद के कारण राष्ट्रीय एक्सचेंज पर सरसों वायदा की कीमतें अब तक उच्चतम स्तर 5,870 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुँच गयी। पेराई मिलों के पास सरसों की कमजोर उपलब्धता के कारण जयपुर में प्लांट डिलीवरी के लिए सरसों की कीमतें 5,900-5,905 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है। तेजी के फंडामेंटल को देखते हुये को देखते हुये, नवंबर कॉन्टैंक्ट की कीमतों में 5,900-6,000 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतें 980-990 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती सकती है, और सीपीओ वायदा (नवम्बर) की कीमतें 815-825 रुपये के स्तर तक बढ़ सकती है। मलेशिया में पॉम तेल के घटते उत्पादन के पूर्वानुमान और खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए स्टॉक जमा करने के कारण चीन की ओर से सोया तेल की मजबूत माँग से फंडामेंटल बहुत बेहतर है। (शेयर मंथन, 26 अक्टूबर 2020)
Add comment