सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,425-4,580 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।
आपूर्ति को लेकर चिंताये हैं क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में अभी भी आवक कम है। कुल मिलाकर, भोजन के उपयोग के लिए आपूर्ति कम रहेगी, बाद में मुख्य रूप से पशुआहार के लिए। पिछले महीने के दौरान, सितंबर में मौसम सूखा थी, लेकिन पिछले महीने से मिट्टी में भारी नमी और मॉनसून की देर से वापसी ने सामान्य पफसल को बाधित कर रही थी। अक्टूबर की शुरुआत में (महाराष्ट्र में) कुछ बेमौसम बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप फसल कटाई के बाद कुछ नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, अमेरिकी सोयाबीन की कीमतों में थोड़ी गिरावट हो सकती है क्योंकि ऐसी खबर है कि सीबोट में सोयाबीन की कीमतों में हाल ही में तेजी के बाद पेराई मार्जिन में गिरावट होने से चीन के कुछ सोयाबीन आयातक और प्रोसेसर दिसंबर और जनवरी में शिपमेंट के लिए अमेरिकी कार्गो के लिए हस्ताक्षरित सौदों को रद्द करना चाह रहे हैं।
आरएम सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 5,700-5,600 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है क्योंकि इस रबी सीजन में उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक होने की उम्मीद है। इस वर्ष किसानों को अधिक बुवाई की ओर आकर्षित करने वाला मुख्य कारक रिकॉर्ड अधिक कीमतें है। कृषि मंत्रालय ने 2020-21 में पिछले वर्ष के लगभग 9.1 मिलियन टन के मुकाबले रिकॉर्ड 12.5 मिलियन टन सरसों उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
सीपीओ वायदा (दिसम्बर) की कीमतों को 880 रुपये के पास बाधा का सामना करने की उम्मीद है, जबकि कीमतों में 830-820 रुपये तक गिरावट हो सकती है। पॉम ऑयल की माँग कम होने लगी है क्योंकि यह सर्दियों के मौसम में जम जाता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्त मंत्रालय ने आयात शुल्क में 10% की कटौती की है जिससे आयात के माध्यम से आपूर्ति बढ़ सकती है। पॉम ऑयल ये नरमी का रुझान लेते हुये, सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 1,020-1,060 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 01 दिसंबर 2020)
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