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हल्दी और जीरे की कीमतों में गिरावट की संभावना - एसएमसी

हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7,300-7,200 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। हाजिर बाजार में सेंटीमेंट कमजोर है और बाजार में खराब क्वालिटी की आवक के बीच स्थानीय स्टॉकिस्टों की ओर से सुस्त माँग के कारण कीमतों में गिरावट हुई है।

निजामाबाद, वारंगल और नांदेड़ मंडियों में हल्दी की कीमतों में अधिक गिरावट हुई। कीमतों में गिरावट के पीछे कम माँग थी। निजामाबाद की मंडियों में फिंगर वैरायटी की हल्दी की कीमतें 200 रुपये की गिरावट के साथ 7,200-7,600 रुपये प्रति क्विंटल जबकि नांदेड़ मंडी में गट्टा और फिंगर वेराइटी की कीमतों में 200 रुपया की गिरावट हुई है। वारंगल मंडी में भी इन किस्मों की कीमतों में नरमी रही।

जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों में 13,200-13,100 रुपया तक गिरावट होने की संभावना है। हाजिर बाजारों में अधिक आवक से कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है। बेंचमार्क बाजार ऊंझा में, गुरुवार को 18,000 बैग की तुलना में 15,000 बैग (1 बैग = 55 किलोग्राम) की आवक हुई है। एक्सचेंज-क्वालिटी का जीरा की कीमतें 13,300-13,400 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के दायरे में स्थिर रही।

धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों में 6,500-6,400 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। हाजिर बाजार की सेंटीमेंट कमजोर है क्योंकि माँग नहीं बढ़ रही है तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सहित अधिकांश प्रमुख राज्यों में अभी भी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगा हुआ हैं। यहाँ तक कि गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी खरीद निचले स्तर पर है। माँग के आंकलन के आधार पर मसाला मिलों की ओर से सीमित खरीद हो रही हैं। बादामी किस्म की कीमत 6,900 रुपये प्रति 100 किलोग्राम और ईगल किस्म की कीमत 7,200 रुपये प्रति 100 किलोग्राम रही। राजस्थान में बुधवार को 10,000 बैग की तुलना में गुरुवार को 11,000 बैग (1 बैग = 45 किलोग्राम) की आवक हुई। (शेयर मंथन, 18 जून 2021)

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