हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 7,650 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और शॉर्ट कवरिंग पर रोक लगी रह सकती है।
हाजिर बाजार में सेंटीमेंट कमजोर है और बाजार में खराब क्वालिटी की आवक के बीच स्थानीय स्टॉकिस्टों की ओर से सुस्त माँग के कारण कीमतों में गिरावट हुई है। विदेशी बाजारों से कम माँग के कारण निजामाबाद, वारंगल और नांदेड़ मंडियों में हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतें 13,400-13,550 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है क्योंकि स्थानीय और विदेशी बाजारों से कमजोर खरीदारी के कारण माँग के कमजोर रहने की संभावना है। बाजार में अधिक आपूर्ति के भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। खरीफ फसल की बुवाई शुरू करने के लिए किसानों को पैसे की जरूरत है और वे कोविड से संबंधित प्रतिबंधें में ढील के बाद बाजार में भारी स्टॉक बेचने के लिए ला रहे हैं। बेंचमार्क बाजार ऊंझा में, शनिवार को 10,000 बैग की तुलना में कल 7,000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) की आवक हुई है। एक्सचेंज-क्वालिटी का जीरा 13,500 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर स्थिर रहा।
धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों को 6,790 रुपये के स्तर पर रुकावट रहने की संभावना है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली के हाजिर बाजारों में खरीदारों की अनुपस्थिति के कारण धनिया की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। दक्षिण भारत के खरीदारों ने पिछले दस दिनों से राजस्थान की मंडियों में बड़े ऑर्डर नहीं दिये हैं। गुजरात और मध्य प्रदेश भी आपूर्ति की तुलना में कमजोर माँग से जूझ रहे हैं। केवल दिल्ली स्थित खरीदारों और स्थानीय मिलों पर निर्भर नीलामी के कारण महाराष्ट्र, विशेष रूप से मुंबई से भी माँग कमजोर हुई है। बादामी किस्म के धनिया की कीमत 7,100 रुपये प्रति 100 किलोग्राम और ईगल किस्म की 7,600 रुपये रही है। रामगंज में आवक सोमवार को 4,000 बैग (1 बैग=45 किलो) की तुलना में 2,500 बैग हुई है। (शेयर मंथन, 23 जून 2021)
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