सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7,100-7,200 रुपये तक बढ़ोतरी दर्ज करने की संभावना है। मध्य प्रदेश में कई सोयाबीन किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा प्रदान किये गये प्रमाणित बीजों की कमी के कारण सीजन शुरू होने के दो महीने बाद भी खरीफ फसल की बुवाई 60% क्षेत्र में शुरू नहीं हुई है।
पिछले साल 5,854 मिलियन हेक्टेयर भूमि में सोयाबीन की बुवाई की गयी थी, लेकिन किसानों ने कहा कि प्रमाणित बीज की अनुपलब्धता के कारण इस वर्ष 60% क्षेत्र अभी भी बिना बुआई का रह गया है। यह भी खबर है कि सरकार खराब मौसम के कारण सोयाबीन की खेती को हतोत्साहित कर रही है। पौधें में रोग के कारण सोयाबीन की उपज पिछले तीन वर्षों में बहुत कम हो गई है। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेंड सोयाबीन वायदा की कीमतों में कल 10 सत्रों में नौवीं बार गिरावट हुई है। कीमतों में शुरुआती तेजी के बाद अमेरिकी मिडवेस्ट में बारिश के पूर्वानुमान और निवेश फंड द्वारा बिक्री से कीमतों में गिरावट हुई है। सोयामील वायदा की कीमतों में भी गिरावट हुई और जुलाई अनुबंध लगभग पाँच महीने के निचले स्तर पर आ गया। सीबीओटी में जुलाई सोयाबीन की कीमतें 17 सेंट की गिरावट के साथ 13.92-1 प्रति 4 डॉलर प्रति बुशल और जुलाई सोयामील 9.80 डॉलर की गिरावट के साथ 363.30 डॉलर प्रति टन पर बंद हुई है।
आरएम सीड वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7,000-7,100 रुपये तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। देश भर के प्रमुख बाजारों में सरसों की आवक कल गिरकर 2,25,000 बोरी रह गयी, जो शुक्रवार से 5,000 बोरी (1 बैग=84 किलोग्राम) कम है। जयपुर में, बेंचमार्क बाजार में सरसों 7,175-7,200 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर बेचा गया, जो पिछले बंद से 200 रुपये अधिक था।
सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,275-1,285 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के 1,065-1,075 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 23 जून 2021)
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