सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों के 7,482 रुपये के अपने पिछले उच्च स्तर को पार करने और 7,550-7,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
मानसून की धीमी प्रगति के कारण सेंटीमेंट बेहतर हैं क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवायें जून के उत्तरार्ध में धीमी हो गयी हैं और 19 जून के बाद मानसून में बहुत कम प्रगति हुई है। मानसून, जो अभी कमजोर चरण में है, के कारण यदि देश के महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्रों में अपर्याप्त वर्षा जारी रहती है तो मानसून के तेज पर फिर से तिलहन की बुवाई हो सकती है। अमेरिकी सोयाबीन की कीमतें 14.30-15 डॉलर प्रति बुशल के उच्च स्तर की ओर बढ़ रही है। कारोबारियों को अनुमान था कि सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्र में 1.36 मिलियन एकड़ की वृद्धि होगी, लेकिन 2017 के उच्चतम 180.25 मिलियन एकड़ की तुलना में कम रहा है। आगामी कई हफ्तों में व्यापारियों का सबसे अधिक ध्यान मौसम पर केंद्रित रहेगा क्योंकि प्रमुख राज्यों में फसलों के लिए अहम मकई परागण, जो उपज क्षमता निर्धारित करता है, लगभग एक सप्ताह में शुरू हो जायेगा।
आरएम सीड वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी दिख रही है और आने वाले दिनों में यह 7,250-7,350 रुपये के स्तर को छू सकती है। तिलहन के साथ-साथ खाद्य तेलों में कुल मिलाकर तेजी के सेंटीमेंट और सरसों की मजबूत माँग के बीच हाजिर बाजार में कम आवक से कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,285-1,310 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,018-1,035 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है। इस सप्ताह इंडोनेशिया और भारत दोनों द्वारा किये गये शुल्क ढाँचे में बदलाव से पॉम तेल की आपूर्ति को बढ़ावा मिलेगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शुल्क ढाँचे में परिवर्तनों के बाद भारत का सीपीओ आयात तीसरी तिमाही में प्रति माह लगभग 150,000 मिलियन टन तक बढ़ जायेगा। इस बीच, भारत में महामारी की स्थिति से निर्यात की मात्रा प्रभावित हो सकती है, जहाज के मालिक अभी भी भारतीय बंदरगाहों पर कॉल करने से हिचकिचा रहे हैं। (शेयर मंथन, 05 जुलाई 2021)
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