कॉटन वायदा (जुलाई) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है और कीमतों में 24,400-24,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कल कपास बाजार में गिरावट आई क्योंकि यूएसडीए के अनुसार कपास के उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी के आँकड़ें से कीमतों को पर्याप्त तेजी नहीं मिली।
हालाँकि 2021 में कुल उत्पादन क्षेत्र 11.70 मिलियन एकड़ रहने का अनुमान है जो उद्योग व्यापार अनुमान 11.84 मिलियन से कम है। इसके अलावा, शीर्ष अमेरिकी उत्पादक टेक्सास के लिए मौसम की स्थिति बेहतर दिऽ रही है। कल कॉटन जुलाई वायदा की कीमतें 2.46 सेंट की गिरावट के साथ 84.03 सेंट पर बंद हुई और दिसंबर वायदा की कीमतें 2.68 फीसदी की गिरावट के साथ 84.90 सेंट पर बंद हुई।
ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों में 4,150-4,200 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जुलाई) की कीमतों में 6,450-6,500 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। वर्तमान समय में, अनुमान है कि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बुवाई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कम नहीं हो सकता है क्योंकि किसानों को दलहन और कपास की खेती की ओर रूख करते देखा गया है। अभी तक सारा ध्यान मॉनसून की प्रगति पर है, जो हरियाणा और राजस्थान सहित उत्तर भारत में धीमा हो गया है, जो भारत में ग्वारगम उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र हैं। इस बीच, कच्चे तेल में तेजी का रुझान ग्वारगम की निर्यात बिक्री के लिए सकारात्मक है क्योंकि कमोडिटी का उपयोग तेल ड्रिलिंग और खनन उद्योग में किया जाता है।
मेंथा तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 1,065-1,085 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और शॉर्ट कवरिंग पर रोक लगी रह सकती है ऐसा हाजिर बाजार में आवक बढ़ने के बीच बढ़ते बिकवाली दबाव के कारण हुआ है। पहले मूसालाधर बारिश से मेंथा की शुरुआती फसल खेतों में ही खराब हो रही थी, लेकिन जब से मौसम बेहतर हुआ तब से किसानों ने फसल की कटाई शुरू कर दी है। किसान दिन भर मेंथा की टंकियों पर फसल की पेराई करते दिख रहे है। अगर सूरज ऐसे ही चमकता है और मौसम सही रहता है तो यह फसल के लिए बहुत फायदेमंद होगा। (शेयर मंथन, 08 जुलाई 2021)
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