हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 200 दिनों के मूविंग एवरेज 7,160 रुपये के पास सहारा रहने की उम्मीद है, जबकि निचले स्तरों पर खरीदारी से कीमतें 7,350-7,450 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँच सकती है।
राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधें में ढील देने और इस महामारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बढ़ती माँग के बीच इस पीले मसाले की माँग में सुधार की उम्मीद है। स्पेन में शोधकर्ताओं ने हल्दी के पौधे के अर्क की पहचान की है जिससे कोरोना वायरस रोग 2019 (कोविड-19) के उपचार की खोज की जा सकती है और भविष्य के रसायन, और जीवों में क्लिनिकल परीक्षणों, के आधार के रूप में काम कर सकता है। विश्लेषण से पता चला कि हल्दी का अर्क सार्स कोविड-2 3सीएलप्रो की गतिविधि के समक्ष भी महत्वपूर्ण अवरोध के रूप में काम किया। गुइजारो-रियल और सहयोगियों का कहना है कि वास्तव में, हल्दी के अर्क, निरोधत्मक गतिविधि में मूल्यांकन किये गये सभी पौधे-आधरित अर्क में सबसे अधिक प्रभावी थे।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों में हर तेजी के साथ बिकवाली का दबाव देखने को मिल सकता है, जिसे कीमतों को 13,350 रुपये के करीब बाधा का सामना करना पड़ सकता है। पिछले हफ्ते, हाजिर बाजारों के रुझान पर काउंटर 5 महीने के निचले स्तर पर पहुँच गया, जहाँ थोक खरीदारों की ओर से मजबूत माँग की कमी के कारण कीमतों पर असर पड़ा। बेंचमार्क बाजार ऊँझा में, आवक कल 15,000 बैग पर स्थिर रही है। एक्सचेंज क्वालिटी के जीरे की कीमतें 13,200 रुपये प्रति 100 किलोग्राम है।
धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों के 6,400-6,500 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है। मौजूदा हालात में दक्षिण भारत, बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र से नये ऑर्डर में गिरावट हो रही है। अप्रैल और मई के मुकाबले नये सौदे कम होकर आधे रह गये हैं। मंडियों में कामकाज की रफ्तार तेज होने के बावजूद माँग में तेजी नहीं आ रही है। हालाँकि, उम्मीद है कि घरेलू माँग जुलाई महीने में नये सौदों पर निर्भर करेगी। साथ ही चूंकि दक्षिण भारत के खरीदारों ने मई में खरीदारी की थी, इसलिए उनकी खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 09 जुलाई 2021)
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