देश में स्टॉक कम होने के कारण कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें अब तक के सबसे ऊँचे भाव पर कारोबार कर रही हैं।
सीसीआई द्वारा नीलामी में कपास की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से भी कीमतों को समर्थन मिल रहा है। कताई और कपड़ा उद्योगों से अच्छी माँग है। आगामी दिनों में कीमतों में कुछ नरमी की उम्मीद है क्योंकि मानसून फिर से सक्रिय हो रहा है और उत्पादन क्षेत्रों में बारिश होने की उम्मीद है। कीमतों की दिशा के लिए चीन की निर्यात माँग और अमेरिकी फसल की प्रगति महत्वपूर्ण है। निजी क्षेत्र में कपास के सीमित स्टॉक के कारण घरेलू बाजार में, देश भर के अधिकांश राज्यों में कताई मिलें सीसीआई से बड़ी मात्रा में कपास खरीद रही हैं। नये सीजन की कपास अक्टूबर के महीने में ही आयेगी। वर्तमान में, अनियमित वर्षा वितरण के कारण पिछले वर्ष की तुलना में बुवाई का रकबा लगभग 10 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन पिछले 5 वर्षों (98 लाख हेक्टेयर) के औसत से अधिक है। कपास का क्षेत्रा गुजरात में अधिक है लेकिन अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में कम है।
ग्वारसीड वायदा (अगस्त) की कीमतों को 4,450 रुपये के स्तर पर मजबूत रुकावट है और 4,400 रुपये के ऊपर कारोबार करने पर ही 4,550 रुपये के लक्ष्य के लिए खरीदारी की सलाह है। राजस्थान में ग्वारगम उत्पादक क्षेत्रों में बेहतर बारिश की उम्मीद है। इसलिए कीमतों के 4,320 रुपये के स्तर तक नीचे कारोबार करने की उम्मीद है। लेकिन ग्वारसीड और ग्वारगम की स्थिर माँग के कारण कीमतों को 4,300 रुपये के स्तर से ऊपर समर्थन मिल सकता है।
चना वायदा (अगस्त) के 5,300 रुपये के अड़चन स्तर को पार करने के बाद 5,700-5,750 रुपये के स्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है। हाजिर बाजार में कीमतों में अब बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि माँग बढ़ने लगी है। स्टॉक लिमिट ऑर्डर में बदलाव के बाद स्टॉकिस्ट की ओर से स्थिर माँग हो रही है। इसके अलावा, नेफेड विभिन्न राज्यों में खरीदे गये चना स्टॉक को अधिक कीमतों पर बेचने के के लिए सक्रिय है। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2021)
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